मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स क्या है|मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स कैसे करें?

MASTER OF DOCTOR IN HOMEOPATHIC COURSE IN HINDI: किसी भी प्रकार की चीज को प्राप्त करने के लिए आदमी को संघर्ष तो करना ही पड़ता है। खासतौर पर तो यह संघर्ष तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब बात होती है कैरियर की। मेडिकल की फील्ड में विद्यार्थियों के लिए काफी अच्छा कैरियर स्कोप होता है और अधिकतर विद्यार्थी इस फील्ड को इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि इसमें स्टार्टिंग में ही उन्हें बहुत ही बढ़िया सैलरी प्राप्त होती है।

Important Points

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स का हाईलाइट 2023 

  • कोर्स लेवल: पोस्ट ग्रेजुएट
  • अवधि: 3 साल 
  • एग्जामिनेशन टाइप: सेमेस्टर सिस्टम 
  • ऐडमिशन की प्रोसेस: एंट्रेंस एग्जाम के बाद काउंसलिंग 
  • कोर्स की फीस: 2000 से लेकर के तीन लाख • एवरेज सैलेरी: ₹300000 से लेकर के 1000000 सालाना 
  • टॉप रिक्रूटिंग फील्ड: गवर्नमेंट एंड प्राइवेट हॉस्पिटल, फार्मेसी, क्लिनिक, रिसर्च सेंटर, कॉलेज
  • एलिजिबिलिटी: बीएचएमएस डिग्री 

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स क्या है? 

मेडिसिन की एक ऐसी ब्रांच है होम्योपैथी जो बहुत ही इफेक्टिव ट्रीटमेंट बिना किसी साइड इफेक्ट के पेशेंट को प्रदान करती है। यह एक कंप्लीमेंट्री मेडिसिन सिस्टम है जिसमें नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करके पेशेंट का इलाज किया जाता है और उसे ठीक किया जाता है। यह कोर्स ऐसे विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है जो होम्योपैथिक की फील्ड में जाना चाहते हैं और इसमें ही अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। 

इस कोर्स के अंदर विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल और THEOROTICL दोनों प्रकार की स्टडी करवाई जाती है, साथ ही उन्हें समय-समय पर सेमिनार और क्लीनिकल मीटिंग में भी भाग लेना पड़ता है। एक आंकड़े के अनुसार दुनिया भर में तकरीबन 200 मिलियन से भी ज्यादा लोग होम्योपैथिक का दैनिक तौर पर इस्तेमाल करते हैं। 

वर्तमान के टाइम में होम्योपैथी दुनियाभर के तकरीबन 80 देशों में पढ़ाई जा रही है और तकरीबन 42 कंट्री में यह इंडिविजुअल मेडिकल सिस्टम के तहत कानूनी रूप से रिकॉग्नाइज्ड है। दुनिया के कई देशों में होम्योपैथी मेडिसिन को काफी भारी मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है।

होम्योपैथी में क्या करना जरूरी है? 

जो भी व्यक्ति अथवा विद्यार्थी मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स में एडमिशन पाने में सफलता हासिल कर लेते हैं उन्हें तकरीबन 1 साल के लिए घर का काम करना जरूरी होता है और इस दरमियान उन्हें यूनिवर्सिटी के ओपीडी डिपार्टमेंट और आईपीडी डिपार्टमेंट में मौजूद होकर के उसमें भर्ती होने वाले डिफरेंट टाइप के पेशेंट की चेकिंग करनी होती है। 

इस कोर्स को करने वाले हर विद्यार्थी को INTERNSHIP करना भी जरूरी होता है। इसके अलावा स्टूडेंट को सेंट्रल होम्योपैथी कमेटी के द्वारा नई दिल्ली में आयोजित होने वाले पीजी सेमिनार और मीटिंग में भी पार्टिसिपेट करना चाहिए।

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथी कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी 

जिन कैंडिडेट ने बीएचएमएस की डिग्री अथवा इसके समकक्ष कोई डिग्री प्राप्त की है वह इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

बीएचएमएस की डिग्री को जिन विद्यार्थियों ने 60 परसेंट अंकों के साथ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा सर्टिफाइड यूनिवर्सिटी से पास किया है वहीं इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथी कोर्स की एडमिशन प्रोसेस 

कोर्स में एडमिशन पाने के लिए कैंडिडेट को एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करना होगा जिसका आयोजन यूनिवर्सिटी के द्वारा स्टेट लेवल पर और नेशनल लेवल पर किया जाता है।

इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए विद्यार्थियों को मिनिमम कट ऑफ मार्क को लाना पड़ता है जिसके ऊपर ही मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और सीट का अलॉटमेंट दिया जाता है।

पीजी कोर्स में एडमिशन AIAPGET एग्जाम के द्वारा जनरेट रैंक लिस्ट के ऊपर ही दिया जाता है।

विद्यार्थी के द्वारा नीट एग्जामिनेशन रैंक के आधार पर एंट्रेंस एग्जाम कमिश्नर के द्वारा मेरिट लिस्ट और कैटेगरी लिस्ट, कैंडिडेट की तैयार की जाती है।

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथी कोर्स का सिलेबस

सेमेस्टर 1

  • ANATOMY- APPLIED & CLINICAL ASPECTS
  • PHYSIOLOGY – APPLIED & CLINICAL
  • BIOCHEMISTRY & BIOPHYSICS
  • PSYCHOLOGY – APPLIED
  • INTEGRATION OF ABOVE MENTIONED SUBJECTS
  • CLINICAL INVESTIGATION
  • MIASMATIC CORRELATIONS & UNDERSTANDING OF SUSCEPTIBILITY

सेमेस्टर 2

  • PATHOLOGY (STRUCTURAL ALTERATIONS IN DISEASE)
  • PATHO- PHYSIOLOGY (FUNCTIONAL ALTERATIONS IN DISEASE)
  • BACTERIOLOGY & VIROLOGY
  • PARASITOLOGY
  • ABNORMAL PSYCHOLOGY

सेमेस्टर 3

  • HISTORY OF MEDICINE, LOGIC & PHILOSOPHY
  • RESEARCH METHODOLOGY & STATISTICS
  • HISTORY OF MEDICINE, SCIENTIFIC METHODOLOGY INCLUDING RESEARCH METHODOLOGY & STATISTICS

सेमेस्टर 4

  • THE MAN IN HEALTH (HOLISTIC CONCEPT)
  • THE MAN IN DISEASE (HOLISTIC CONCEPT)

सेमेस्टर 5 

  • ORGANON OF MEDICINE WITH HOMOEOPATHIC PHILOSOPHY
  • PRACTICE OF HOMOEOPATHY IN MEDICINE, SURGERY & OBS/GYN

सेमेस्टर 6

  • PSYCHIATRY
  • TRAINING & PLACEMENTS

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स के बाद नौकरी 

  • गवर्नमेंट एंड प्राइवेट हॉस्पिटल
  • फार्मेसी
  • रिसर्च सेंटर
  • क्लिनिक
  • स्टेट डिस्पेंसरी 
  • ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट 
  • होम्योपैथिक कॉलेज

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स के बाद कौन सी नौकरी मिलेगी? 

  • लेक्चरर 
  • प्रोफेसर 
  • पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट
  • फार्मासिस्ट 
  • कंसलटेंट 
  • होम्योपैथ

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स की फीस 

गवर्नमेंट और प्राइवेट इंस्टिट्यूट में इस कोर्स की फीस अलग-अलग होती है क्योंकि गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट गवर्नमेंट के द्वारा सहायता प्राप्त करते हैं और प्राइवेट इंस्टिट्यूट अथवा कॉलेज लोगों के ग्रुप या फिर किसी इंडिविजुअल व्यक्ति के द्वारा चलाए जाते हैं।

इस प्रकार इस कोर्स की फीस के बारे में पक्के तौर पर तो नहीं कहा जा सकता है परंतु सामान्य तौर पर इस कोर्स की फीस ₹2000 लेकर के 3 लाख तक सालाना हो सकती है। 

इस कोर्स की फीस हर राज्य की हर यूनिवर्सिटी में अलग होती है। इसके लिए फीस के बारे में पक्की इंफॉर्मेशन के लिए जिस यूनिवर्सिटी में आप एडमिशन लेना चाहते हैं वहां से संपर्क करें।

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स करने के फायदे 

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स बहुत ही फ्लैक्सिबल कैरियर ऑप्शन है। इस कोर्स को आप पढ़ाई करने के बाद भी कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप पार्ट टाइम और फुल टाइम काम कर सकते हैं और अपनी अरनिंग को बढ़ा सकते हैं। 

इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप गवर्नमेंट और प्राइवेट हॉस्पिटल में नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा किसी क्लीनिक में भी काम कर सकते हैं अथवा मेडिकल स्टोर में भी काम कर सकते हैं।

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स के लिए इंडिया के बेस्ट कॉलेज 

  • राजेंद्र हॉस्पिटल, पटियाला 
  • महाराजा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, आंध्र प्रदेश 
  • बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस, पंजाब 
  • महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस, नासिक
  • नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, Delhi

मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स के बाद सैलरी 

सैलरी इस बात पर डिपेंड करती है कि आप कौन सी कंपनी में कितने बड़े अथवा छोटे पद पर जॉइनिंग करते हैं। स्टार्टिंग सैलेरी के बारे में अगर इस कोर्स को करने के बाद बात करें तो आपको तकरीबन ₹20000 से लेकर ₹25000 तक की सैलरी प्राप्त हो सकती है, वही जब आपको एक्सपीरियंस प्राप्त हो जाएगा और आपको कंपनी में काम करते हुए कुछ टाइम बीत जाएगा तो सैलरी और पद दोनों बढ़ेंगे।

FAQ:

Q: होम्योपैथिक डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?

ANS: गवर्नमेंट सेक्टर में एक होम्योपैथिक डॉक्टर को स्टार्टिंग में 30000 से लेकर के ₹35000 तक की सैलरी प्राप्त होती है और प्राइवेट सेक्टर में इन्हें स्टार्टिंग में ₹20000 की सैलरी प्राप्त होती है।

Q: क्या हम बीएचएमएस करने के बाद एमडी इन मेडिसिन कर सकते हैं?

ANS: बीएचएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद अधिकतर विद्यार्थी एमडी इन होम्योपैथी का कोर्स करते हैं। कई ग्रेजुएट कुछ दूसरी मेडिकल प्रोग्राम में शामिल होते हैं जैसे कि मास्टर ऑफ साइंस इन रीजेनरेटिव मेडिसिन, मास्टर ऑफ साइंस इन एंडॉक्रिनलॉजी, मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन

Q: क्या हम बीएचएमएस के बाद एमडी इन गाइनेकोलॉजी कर सकते हैं?

ANS: नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते। इसके लिए आपको सबसे पहले एमबीबीएस को पास करना होगा।

Q: बीएचएमएस करने के बाद सबसे बेस्ट कोर्स कौन सा है?

ANS: MASTER OF SCIENCE IN PSYCHIATRY, M.SC IN CLINICAL RESEARCH, M.SC. FOOD AND NUTRITION, MSC IN EPIDEMIOLOGY, MSC IN PHARMACEUTICAL CHEMISTRY, MASTER OF SCIENCE IN ENDOCRINOLOGY. MASTER OF HOSPITAL MANAGEMENT (MHM), MASTERS IN EMERGENCY MEDICINE.

Q: मास्टर आप डॉक्टर इन होम्योपैथिक कोर्स की फीस कितनी है?

ANS: इस कोर्स की फीस 2000 से लेकर के तीन लाख तक सालाना हो सकती है। हर राज्य में स्थित हर यूनिवर्सिटी में इसकी फीस अलग-अलग हो सकती है।

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